कविता के बहाने- भावार्थ

 

काव्यांश 1 

कविता.............................. क्या जाने ? 

भावार्थ : कवि कहता है कि कविता भी चिड़िया की भरती है , लेकिन कविता की उड़ान चिड़िया की उड़ान से भिन्न है , क्योंकि चिड़िया की उड़ान की एक निश्चित सीमा है , जबकि कविता में भावों की , विचारों की उड़ान किसी भी सीमा या बंधनों से मुक्त है , वह निस्सीम है । वह अनंत उड़ान है । इसी कारण कवि आगे कहता है कि बाहर भीतर , सब घरों में कविता के भावरूपी पंख लगाकर उड़ने का अर्थ चिड़िया भी नहीं जान और समझ सकती । वास्तव में , कविता में कवि की असीम कल्पना के पंख लगे होते हैं । अतः कविता के पंखों की समता चिड़िया के पंख नहीं कर सकते । 


काव्यांश 2 

कविता ............... .........क्या जाने ? 

भावार्थ : कवि कहता इसी वजह से कवि कहता है कि कविता के खिलने का मर्म फूल भी नहीं जान सकता । . क्या जाने ? है कि कविता का खिलना फूलों के खिल की तरह ही है , लेकिन कविता के खिलने और फूलों के खिलने में एक सूक्ष्म अंतर है । वह यह कि फूल के खिलने के बाद उसके जीवन और तत्पश्चात् मुरझाकर समाप्त हो जाने की एक निश्चित अवधि एवं नियति होती है , जबकि कविता एक बार विकसित होकर , जीवन पाकर अमर और अमिट हो जाती है कवि यह स्पष्ट करना चाहता है कि फूल , जिनके खिलने में आनंद है , उत्साह है , जिनमें कोमलता और आकर्षण भी है , वे भी कविता की समता नहीं कर सकते , क्योंकि कविता अनंत जीवन एवं आनंद से युक्त होती है । वह फूलों की भाँति एक बार खिलक मुरझाती नहीं , अपितु सदैव नए अर्थग्रहण करके विकासशील एवं जीवित बनी रहती है । 


काव्यांश 3 

कविता................................. ही जाने । 

भावार्थ : कवि कहता है कि कविता भी बच्चों के खेल की तरह ही होती है । कविता भावों , विचारों और शब्दों के खेल खेलती है । जिस प्रकार बच्चों के खेल में सीमा का कोई स्थान नहीं होता और उनके खेल सभी विधि - निषेधों से परे होते हैं , वैसे ही कविता भी होती है । बच्चों में भविष्य है , विकास की असीम संभावनाएँ और उमंग , उत्साह एवं क्षमताएँ हैं , उसी तरह कविता में भी अर्थ की व्यापक संभावनाएँ हैं । उसमें भी रचनात्मक ऊर्जा होती है । भेदों के बंधन से ऊपर उठकर सबको एक कर देने के मायने बच्चे जानते हैं और उन्हीं की तरह कविता भी जानती है । अभिप्राय यह है कि जिस प्रकार बच्चे अपने पराए का भेद नहीं जानते , उन्हें सभी घर अपने ही प्रतीत होते हैं , उसी प्रकार कवि के लिए कविता के स्तर पर सारा संसार अपना है , आत्मीय है । उसका उद्देश्य कविता द्वारा सार्थक एवं रचनात्मक विचार अथवा संदेश को जन - जन तक , घर - घर तक पहुँचाना है ।